अरपा नदी पर हाई कोर्ट दिखाई दे रही है सख्त, अरपा संरक्षण के मामले में हुई सुनवाई।।
बिलासपुर (पेंड्रागढ़ की खबरें)। अरपा नदी में अवैध खनन और परिवहन पर हाईकोर्ट ने कहा है कि शासन को चाहिए कि जुर्माने के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए कड़ी कार्रवाई करें। पूरे प्रदेश में कहीं भी अवैध उत्खनन नहीं हो इसका ध्यान रखें। वहीं बता दें कि अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर एडवोकेट अरविंद शुक्ला व पेंड्रा निवासी रामनिवास तिवारी ने अलग अलग जनहित याचिका लगाई है। इसमें नदी के उद्गम स्थल को बचाने के साथ ही प्रदूषित होने से रोकने के लिए भी शासन को आवश्यक उपाय करने की मांग की गई है। दूसरी ओर अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने भी नदी में विभिन्न स्थानों पर हो रहे अवैध खनन को लेकर जनहित याचिका पेश की है। इसमें बताया गया है कि शासन के प्रतिबंध के बाद भी कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। इस मामले में सुनवाई के दौरान ही बारिश में खनन से बने बड़े गड्ढे में तीन बालिकाओं की नहाते समय मौत हो चुकी है । इस पर भी हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी। इन सब मामलों पर एक साथ चीफ जस्टिस की डीबी सुनवाई कर रही है।
वहीं बुधवार को सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने महाधिवक्ता से कहा कि, आपके पास सारे पॉवर मौजूद हैं। राज्य में कहीं भी इस प्रकार अवैध खनन नहीं किए जा सके, इसे देखना होगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता रणवीर मरहास ने बताया कि जिस कंपनी ने गंदे पानी को रोकने का प्रपोजल बनाया था उसे पहले नामंजूर कर दिया गया था। अब इसी कंपनी ने 10 फरवरी को एक रिवाइज्ड प्लान बनाया है। इस बैठक में हमारी टेक्निकल टीम भी साथ थी। उनकी उपस्थिति में यह प्लान तैयार किया गया है।यह डीपीआर सरकार को मंजूर करना है। इसके लिए कोर्ट ने शासन को 15दिन का समय दिया। डीबी ने नगर निगम आयुक्त से इस बारे में शपथ पत्र भी मांगा है। अगली सुनवाई अब 24 मार्च को निर्धारित की गई है। सुनवाई में आज भी संबंधित विभाग का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें नदी के संवर्धन और अन्य आवश्यक कार्यों को करने समय अवधि समेत दूसरी जानकारी दी गई।।।
1. अरपा नदी का 8 करोड़ से होगा विकास कार्य।।
वही हम आपको बता दे की मिली जानकारी के अनुसार अरपा नदी का विकास 7 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से अरपा नदी के उद्गम स्थल का विकास किया जाना है। इसमें 5 एकड़ भूमि निजी भूस्वामी से ली जाएगी और 5 एकड़ जमीन वन विभाग से अधिग्रहित किया जाएगी। राज्य शासन से प्रपोजल को स्वीकृति प्रदान कर बजट स्वीकृत किया गया है, इसमें कुंड निर्माण एवं पूरे इलाके का विकास किया जाएगा। इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार जल संसाधन विभाग गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के ईई ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। इसमें पूरे प्लानिंग को बताया गया है, दो माह के अंदर कार्य प्रारंभ कर 12 माह में काम पूरा किया जाएगा। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के ईई संतोष कौशिक ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर पूरी जानकारी दी है। आबंटित राशि में भूमि अधिग्रहण के लिए आवर्ड राशि, मौके में कुंड निर्माण, पूरे क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इससे उद्गम स्थल में बारह माह पानी रहेगा।



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