आपात काल के 50वें वर्षगांठ में प्रशासन पेण्ड्रा के मीसाबंदी का सम्मान करना भूली।।

आपात काल के 50वें वर्षगांठ में प्रशासन पेण्ड्रा के मीसाबंदी गणेश प्रसाद चतुर्वेदी का सम्मान करना भूली।।

परिजनों ने प्रशासन पर उपेक्षा और मनमानी का आरोप, इस घटना को राजनीति के निकृष्ट स्तर बताया। 


पेण्ड्रा। आपात काल के 50वीं वर्षगांठ पर मनाए गए संविधान हत्या दिवस में जिला प्रशासन पेण्ड्रा के मीसाबंदी का सम्मान करना भूल गई। इससे मीसाबंदी के परिजनों ने प्रशासन पर उपेक्षा और मनमानी करने का आरोप लगाया है। दरअसल भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा 25 जून को आपात काल की 50वीं वर्षगांठ पर संविधान हत्या दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं जिला स्तर के अधिकारियों ने आपात काल के दौरान मीसा के तहत जेल गए स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतंत्र रक्षकों के परिजनों को शाल एवं श्रीफल प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया था।।

इस सम्मान समारोह में पेण्ड्रा के स्व. गणेश प्रसाद चतुर्वेदी को प्रशासन ने भुला दिया। जबकि गणेश प्रसाद चतुर्वेदी को आपातकाल का विरोध करने की वजह से तत्कालीन सरकार ने बिलासपुर जेल में बंद किया गया था। वहीं हम आपको बता दें कि आजादी के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर दो बार प्रतिबन्ध लगाया गया था। पहली बार महात्मा गांधी के हत्याकांड के बाद और दूसरी बार 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी सरकार द्वारा देश में इमरजेंसी लागू करने के बाद 4 जुलाई 1975 को आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया गया था। दोनों मौकों पर स्व. गणेश प्रसाद चतुर्वेदी ने इस प्रतिबंध और आपातकाल के विरुद्ध आवाज बुलंद किया था और जेल में कठिन यातनाये झेली थी।।

सन 1949 में सत्याग्रह करने पर गणेश प्रसाद चतुर्वेदी को रायगढ़ जेल में रखा गया था और सन 1975 में आपातकाल का विरोध करने पर बिलासपुर जेल में मीसा एक्ट के तहत बंदी बनाकर रखा गया था। 1975 में मीसाबंदी बनाए गए सेनानियों या उनके परिजनों को 25 जून को शासन द्वारा सम्मानित किया गया, लेकिन जिला प्रशासन पेण्ड्रा के मीसाबंदी गणेश प्रसाद चतुर्वेदी का सम्मान करना भूल गई। उनके पुत्र श्रीकांत चतुर्वेदी ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वे इस परिवार का सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि मीसा बंदी सम्मान समारोह जो कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा किया गया उसमें उनके पिता स्व. गणेश प्रसाद चतुर्वेदी और परिवार को दरकिनार किया जाना राजनीति के निकृष्ट स्तर को दर्शाता है।।।

Post a Comment

0 Comments