बिगड़ती यातायात व्यवस्था पर नागरिकों की चिंता, बाईपास निर्माण के लिए की गई बैठक आयोजित, जन आंदोलन की तैयारी।।
पेंड्रा (उज्जवल तिवारी)। जिले में यातायात की बिगड़ती स्थिति और लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं से चिंतित होकर नगर के नागरिक अब सक्रिय हो गए हैं। जिले के मुख्य मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ने से दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे स्थानीय निवासियों में भय और आक्रोश व्याप्त है। जिसे लेकर सर्व दलीय एवं नागरिक मंच के द्वारा बैठक आयोजित किया गया था। इस बैठक में पेंड्रा बाईपास सड़क को लेकर रखी गई थी। दरअसल जिले के पेंड्रा नगर के लिए सन 2016 में भाजपा शासन काल में घोषणा हुई थी। जिसके बाद वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के द्वारा पेंड्रा में 13 किलोमीटर लंबे 54 करोड़ के बाईपास सड़क का शिलान्यास किया गया था, लेकिन चार वर्षों बाद भी यह परियोजना केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है।
इस देरी के कारण भारी वाहन अब भी भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। वही हम आपको बता दे कि बीते एक महीने में सड़क दुर्घटनाओं में नौ लोगों की मृत्यु हो चुकी है, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, बाईपास निर्माण मोर्चा' का गठन किया गया है। इस सर्वदलीय मंच का उद्देश्य बाईपास निर्माण के लिए शासन-प्रशासन पर दबाव बनाना और जन आंदोलन की रणनीति तैयार करना है।
वहीं यह पेंड्रा जनपद के सभागार में आयोजित बैठक में नगर के जागरूक नागरिकों ने भाग लिया गया था जहां बाईपास निर्माण के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की रूपरेखा पर चर्चा हुई, बाईपास निर्माण ही यातायात व्यवस्था सुधारने का एकमात्र साधन है, और इसके लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। वही संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि इस बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी, ताकि शासन-प्रशासन इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर त्वरित कार्यवाही करे और जिले के नागरिकों को सुरक्षित यातायात व्यवस्था मिल सके, वहीं लोगों ने कहा कि कई बार बाईपास सड़क को लेकर शासन को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन अब तक बाईपास सड़क का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है।।

_11zon%20(1).jpg)

0 Comments