मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन।।

 मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने किया प्रदर्शन, एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन।।

भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि के लिए उचित मुआवजे की मांग।।।

पेन्ड्रा (उज्जवल तिवारी)। पेंड्रा बायपास सड़क निर्माण को लेकर तुल पकड़ता जा रहा है। जहां अब मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया था। और अनुविभागीय दंडाधिकारी एवं राजस्व एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है। जिसमें इस प्रदर्शन में अड़भार, कुड़कई, बंधी और अमरपुर के वे किसान, जिनकी भूमि पेन्ड्रा बायपास सड़क निर्माण के लिए सात साल से अधिक समय पहले अधिग्रहित की गई थी और जो अब तक मुआवजे के इंतजार में हैं, उनके द्वारा दुर्गा चौक, पेन्ड्रा में जनमंच संयोजक एवं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष इकबाल सिंह के नेतृत्व में किया गया था।।

वहीं इस विरोध प्रदर्शन में किसानों के द्वारा एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने अपनी व्यथा, आक्रोश और नाराजगी को दर्शाया गया था। वहीं प्रदर्शन के बाद किसानों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कार्यालय तक मार्च किया और अपने मुआवजे की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था। जिस पर अमरपुर, अड़भार, बंधी, कुड़कई, पेन्ड्रा, सेमरा, भदौरा और अन्य गांवों के किसानों ने कहा है कि हमारी भूमि को पेन्ड्रा बायपास सड़क परियोजना के लिए सात साल से अधिक समय पहले अधिग्रहित किया गया था। हम सरकार के विकास कार्यों का समर्थन करते हैं, लेकिन अनुचित मुआवजा नीति के कारण हम गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।।।

हमारी प्रमुख समस्याएँ है कि जिन किसानों की 15 डिसमिल या उससे कम भूमि अधिग्रहित हुई है, उन्हें अधिक मुआवजा दर दी गई, जबकि 60 डिसमिल या 1 एकड़ से अधिक भूमि वालों को कम दर पर मुआवजा दिया गया। यह नीति असंगत और अन्यायपूर्ण है, क्योंकि सभी भूमि एक ही क्षेत्र में स्थित और समान कृषि मूल्य रखती है। वहीं कई किसानों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है, जिससे वे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। वहीं भूमि अधिग्रहण के वर्षों बाद भी बायपास निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, जिससे किसानों को और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हमारी प्रमुख माँगें है कि मुआवजा नीति को निष्पक्ष एवं सामान बनाया जाए ताकि भूमि के आकार के आधार पर कोई भेदभाव न हो। वहीं जिन किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें तत्काल भुगतान किया जाए, साथ ही मुआवजा दरों की पुनः समीक्षा की जाए ताकि सभी भूमि मालिकों को न्याय मिल सके।।।

इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित करें ताकि इस मुद्दे का समाधान निकाला जा सके। यदि हमारी मांगों की अनदेखी की गई, तो हम अपने आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होंगे। वहीं इस अवसर पर प्रमुख रूप से कामता महाराज, रामनिवास तिवारी, सादिक खान, प्रशांत श्रीवास, बंटी गोयल, बृजेश सोन, राजेश्वर सिंह, अजय सिंह पवार, किसान संतोष पटेल, रामजी गौतम, जयदत्त तिवारी, विनोद गणेश यादव, भारत यादव, जैलेश यादव, महेश यादव, अमित केवट, दशरथ चंद्र, अशोक चंद्र, संदीप चंद्र, शनि पटेल, सुमित पटेल, हंसलाल सहित अन्य कई स्थानीय नेता उपस्थित थे।।

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