नियमों की अनदेखी 10 लाख से अधिक के कार्यों में ई-टेंडरिंग अनिवार्य, टेंडर निरस्तीकरण और सचिव पर जांच की मांग।।

नियमों की अनदेखी 10 लाख से अधिक के कार्यों में ई-टेंडरिंग अनिवार्य, टेंडर निरस्तीकरण और सचिव पर जांच की मांग।।

एक करोड़ के टेंडर ऑफलाइन, सरकार के आदेशों को दरकिनार कर कृषि उपज मंडी समिति ने निकाला टेंडर।।

पेंड्रा। जिले में सरकारी नियमों को नजरअंदाज करते हुए करोड़ों रुपए के निर्माण कार्यों के लिए ऑफलाइन टेंडर जारी किए जाने का मामला सामने आया है। जहां कृषि उपज मंडी समिति पेंड्रा ने आठ कायों के लिए लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्यों की निविदा 03 अप्रैल 2025 को मैन्युअल (ऑफलाइन) पद्धति से आमंत्रित की है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 28 मार्च 2025 को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि 10 लाख रुपए या उससे अधिक लागत वाले समस्त कार्य ई-टेंडरिंग के माध्यम से किए जाएं। शासन की ओर से यह आदेश प्रदेश के सभी नगर पालिकाओं, पंचायतों और मंडी समितियों पर लागू किया गया था।।।

इसके बावजूद मंडी समिति पेंड्रा के सचिव के द्वारा इस आदेश को दरकिनार करते हुए करोड़ों के कार्यों की मैन्युअल निविदा जारी की गई। टेंडर प्रक्रिया के अनुसार, निविदा फॉर्म प्राप्त करने की अंतिम तिथि 25 अप्रैल 2025, और निविदा खोलने की तिथि 03 मई 2025 तय की गई है। वहीं शिकायतकर्ता सुनील शुक्ला ने नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर जारी करने वाले अधिकारी के खिलाफ जांच और टेंडर निरस्तीकरण की मांग की है। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने कहा कि सभी जगह 20 प्रतिशत दर पर टेंडर जारी किया गया है जबकि पेंड्रा में सचिव के द्वारा 7 प्रतिशत की दर पर टेंडर जारी किया गया है जिससे शासन को 13 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।।।

छत्तीसगढ़ सरकार ने निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से 10 लाख से अधिक के कार्यों के लिए ई-टेंडरिंग को अनिवार्य किया है। ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल के माध्यम से टेंडरिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश स्पष्ट रूप से दिए गए हैं, लेकिन पेंड्रा कृषि मंडी समिति में इस आदेश की अनदेखी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। भ्रष्टाचार रोकने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए शासन द्वारा ई-टेंडरिंग को अनिवार्य किया गया था, लेकिन पेंड्रा मंडी समिति की इस अनदेखी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी? यह देखना होगा।

1. मंडी बोर्ड ने भी जारी किया आदेश।।

छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड द्वारा भी एक अलग आदेश जारी किया गया है, जिसमें राज्य के सभी मंडी समितियों को 10 लाख तक के कार्यों की मैन्युअल निविदा और उससे अधिक की ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अपनाने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू बताया गया है। अब बड़ा सवाल यह है कि जब सरकार ने 28 मार्च को हो आदेश जारी कर दिए थे, तो वहीं मंडी बोर्ड और संबंधित अधिकारी इसे समय रहते लागू क्यों नहीं कर पाए।

2. सुनील नन्हू शुक्ला शिकायतकर्ता।।

वहीं शिकायतकर्ता सुनील नन्हू शुक्ला ने बताया कि कृषि मंडी पेंड्रा में छ.ग. शासन के आदेशानुसार नियम विरूद्ध है क्योकि छ.ग. शासन के द्वारा 28.03.2025 को स्पष्ट निर्देश जारी किया गया था कि 10 लाख रूपये या उससे अधिक लागत वाले समस्त कार्य ई. टेंडरिंग के माध्यम से किये जायेगे। किन्तु कृषि मंडी पेंड्रा के द्वारा उससे अधिक लागत की राशि के कार्य को भी मैनुअल निविदा आमंत्रित कर दी गई है। इसके अलावा कृषि मंडी पेंड्रा के द्वारा छ.ग. शासन के निविदा मैनुअल के अनुसार निविदा का प्रकाशन छ.ग. के सर्वाधिक प्रकाशित होने वाले अखबार में प्रकाशन नहीं करके बल्कि दूसरे नहीं बटाने वाले अख़बार में किया गया है। जो कि कृषि मंडी के सचिव सृष्टि शर्मा के द्वारा नहीं किया गया है साथ ही कंप्यूटर ऑपरेटर राजकुमार वर्मा भी इस मामले में संदेह के घेरे में है। जिससे शासन को राजस्व की आर्थिक हानि हो रही है। वहीं निविदा को निरस्त कर पुनः निविदा नियमानुसार आमंत्रित करें।।

3. सृष्टि शर्मा सचिव कृषि मंडी पेंड्रा।।

वहीं मंडी समिति की सचिव सृष्टि शर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उन्हें शासन के आदेश की जानकारी 8 अप्रैल को विभागीय पत्र के जरिए मिली, और उससे पहले ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि 30 ठेकेदारों ने निविदा के लिए आवेदन किया था, जिनमें से 8 कार्यों के लिए फॉर्म जारी किए गए। निविदा का प्रकाशन अखबारों में किया गया था, जिसे रायपुर कार्यालय के छत्तीसगढ़ संवाद के माध्यम से प्रेषित किया गया। 

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