जिले के एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय में प्रबंधन की लापरवाही फिर आई सामने, पिछ्ले कुछ दिनों से बीमार आदिवासी छात्र की सही समय पर इलाज नही मिलने से हुई मौत।।
पेंड्रा के सरखोर गांव का रहने वाले शिवम सिंह श्याम 9 वी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की हुई मौत।।।
हॉस्टल प्रबंधन के द्वारा तबियत खराब होने पर नही कराया गया इलाज न ही परिजनों को दी बच्चे की तबियत खराब होने की जानकारी।।
पेंड्रा (उज्जवल तिवारी)। जिले में एकलव्य आदिवासी आवासीय छात्रावास लाटा से जहा पर 9 वी कक्षा में पढ़ने वाले 14 वर्ष के छात्र की मौत कुप्रबंधन के कारण हो गई।। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। दरअसल पेंड्रा के सरखोर गांव का रहने वाला रेवा सिंह अपने बेटे शिवम सिंह श्याम को बेहतर शिक्षा के लिए एकलव्य आदर्श संयुक्त आवासीय विद्यालय लाटा में उज्जवल भविष्य को देखते हुए दाखिला कराया था पर शायद उन्हें नही पता था कि छात्रावास के कुप्रबंधन की भेट उनका 14 साल का बेटा चढ़ जाएगा।
जहां शिवम के पिता जी रेवा सिंह के पास 10 मार्च को छात्रावास से फ़ोन आया और बेटे शिवम से उनकी बात हुई बेटा बोला कि पापा 11 मार्च को आप मुझे लेने आ जाना होली की छुट्टी लग रही है। बच्चे के परिजन बच्चे को लेने 11 मार्च को दोपहर टिकरकला स्थित छात्रावास पहुचे और बेटे की स्थिति देखकर उसे तत्काल अपने साथ घर ले आए बच्चा काफी गभीर स्थिति में था घर मे बच्चा उल्टी किया जिसके बाद घबराए परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल में भर्ती कराए पर जीपीएम के जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर भी बच्चे के गिरते स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर किये।।।
तो वहीं परिजन बच्चे के बिगड़ते स्वास्थ को देखते हुए जिला अस्पताल से 11 मार्च को ही इलाज़ के लिए हायर सेंटर बिलासपुर के निजी अस्पताल ले गए पर बिलासपुर में 12 मार्च को शिवम की मौत हो गई। घर में शिवम ने छात्रावास को लेकर कई गंभीर आरोप लगाते हुए परिजनों को जानकारी दी थी जिसमे छात्रावास अधीक्षक के द्वारा बच्चो को परिजनों से मोबाइल पर बात तक नही करवाते अगर वहां का चौकीदार परिजनों से बच्चो की बात करवाता है तो बच्चो से पैसे लेकर बात करवाता है।छात्रावास में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी कई गभीर आरोप लगाए।।।।
वहीं परिजनों का कहना था कि उनका शिवम पिछले तीन से चार दिनों से बीमार था पर उसकी बात परिजनों से नही कराई न ही उसे इलाज़ के लिए अस्पताल लाया गया था। जहां शिवम की मौत हो गई। अगर परिजनों को समय रहते बच्चे की तबियत की जानकारी दे दिया जाता तो शायद शिवम बच जाता परिजनों ने मामले में दोषी छात्रावास अधीक्षक और छात्रावास के कर्मचारियो पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है साथ ही उनका कहना है हमारा बच्चा तो इनके कुप्रबंधन के चलते नही रहा पर सिस्टम जरूर सुधारना चाहिए ताकि कोई और बच्चे के साथ ऐसा न हो।।
हालांकि हॉस्पिटल से मिले मेमू के आधार पर गौरेला पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है,और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही किये जाने की बात कही है। बहरहाल आदिवासी जिले में 14 साल के बच्चे की छात्रावास अधीक्षक और वहां के स्टॉप के गैर जिम्मेदराना रवैये के चलते मौत हो जाना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।।
1. कलेक्टर ने किया पत्र जारी, भेजा पत्र।।।
वहीं मामले में जिले की कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने पत्र जारी करते हुए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय लाटा, वि.ख. पेण्ड्रा, छात्रावास में निवासरत् छात्र शिवम सिंह पिता रेवा सिंह कक्षा 9वीं के दिनांक 12.03.2025 को श्री शिशु भवन मल्टीस्पेस्लिटी हॉस्पिटल बिलासपुर से असमायिक मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई, जिसके संबंध में सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से प्राथमिक जॉच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। प्राथमिक जॉच प्रतिवेदन से यह निष्कर्ष निकलता है कि छात्रावास अधीक्षक को दिनांक 11.03.2025 को छात्र का स्वास्थ्य ठीक न होने की स्थिति में पालक के साथ घर नहीं जाने देना चाहिए था, बल्कि स्वयं पालक के साथ अस्पताल जाकर छात्र का ईलाज कराना चाहिए था। इस प्रकार छात्रावास अधीक्षक के द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई। अतः छात्रावास अधीक्षक रामबिलास, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय लाटा, के विरूद्ध अपने दायित्वों के निर्वहन के प्रति लापरवाही के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने की अनुशंसा की जाती है।।
2. गोपेश मनहर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग।।
""वही सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग गोपेश मनहर से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि इस मामले में कलेक्टर से अनुशंसा कराकर शासन को प्रपोज भेज दिया गया है।। अधीक्षक की गलती यह थी कि अधीक्षक को पता चला की छात्र बीमार है। जिसके बाद अधीक्षक के द्वारा परिजनों की इसकी जानकारी नहीं दी गई थी इसकी जानकारी हमें भी नहीं दिया गया था। जबकि इस मामले की जानकारी हमें बाहर से मिली थी। जो कि मामले में अधीक्षक की लापरवाही थी इसके बाद हमने शासन को इसके संबंध में प्रपोज एवं पत्र भेज दिए हैं। चूंकि यह केंद्र सरकार का है इसलिए इस पर कार्यवाही केंद्र सरकार के माध्यम से होगी।।""

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