वन विभाग के द्वारा वनों को आग से बचाने के लिए चलाया जा रहा है जन जागरूकता अभियान।।
इस के तहत् जंगल को बचाना एवं जंगल में आग ना लगाने का भी दिया जा रहा है संदेश।।।
पेंड्रा (उज्जवल तिवारी)। मरवाही वन मंडल के द्वारा वनों को आग से बचाने के लिए जन जागरूकता अभियान के तहत् जंगल को बचाना एवं जंगल में आग न लगाना संदेश दिया जा रहा है। जहां अग्नि सुरक्षा हेतु पाम्पलेट वितरित किए गए हैं एवं प्रमुख स्थानो पर चस्पा किया गया है। जिससे अग्नि दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। पाम्पलेट में आपातकाल स्थिति में वन अग्नि की सूचना हेतु 24x7 टोल फ्री नंबर 18002337000 एवं संबंधित वनाधिकारियों/कर्मचारियों के मोबाईल नंबर का प्रसारण किया गया है। अग्नि पर नियंत्रण पाने हेतु प्रत्येक बीट हेतु अग्नि प्रहरी की स्थापना की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से फायर फाईटिंग उपकरण की व्यवस्था की गई है एवं अग्नि प्रहरियों को अग्नि सुरक्षा उपकरण दिये गये हैं। जिससे अग्नि प्रकरण की रोकथाम किया जा सके।।
वहीं वन विभाग के मरवाही वन मंडल अधिकारी रौनक गोयल ने कहा है कि 15 फरवरी 2025 से फायर सीजन शुरू हो चुके हैं। जहां लोगों को जंगल में आग देखते ही पीट पीटकर बुझा दे। ज्यादा फैलने पर नियंत्रण करना कठिन होता है। वहीं जंगल में आग लगने पर नजदीक के वनरक्षक, डिप्टी रेंजर (परिक्षेत्र सहायक) परिक्षेत्र अधिकारी, वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष को तुरंत सूचित करने का कष्ट करें। वहीं आग बुझाने में वन कर्मचारियों एवं अग्नि प्रहरीयों की सहायता करें। वहीं उन्होंने लोगो को जागरूक करते हुए कहा है कि जंगल से गुजरते समय बीडी, सिगरेट के जलते टुकडे न फेंके।
जंगल से महुआ फूल, साल बीज एवं अन्य वन उपज इकट्ठा करने के लिए पेड़ के नीचे एवं आस पास आग न लगाये।।।। वनों के निकट खलिहानों में कभी आग लगाकर न छोड़े, इससे जंगल में आग लगने की संभावना होती है। वहीं जंगल में आग लगने से विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु एवं पेंड़ पौधों की क्षति होती है, जिससे वनोपज की पैदावार में कमी होगी और भविष्य में ग्रामीणों के लिए वनोपज संग्रहण में कमी आएगी। जिससे पर्यावरण को नुकसान होगा।।।।
साथ ही जंगल में आग लगने पर तत्काल इसकी सूचना इस मोबाईल नंबर 1. मोहर सिंह मरकाम, उप व.म.अ. पेण्ड्रा, मोबाईल नंबर 8817350939, 2. रामकुमार सिदार, उप व.म.अ. गौरेला, मोबाईल नंबर 8827772374, टोल फ्री नंम्बर 18002337000 नंबर पर सूचना प्रदान करे ताकि आग लगने से बचाव किया जा सके।। वहीं वन विभाग के अधिकारीयों ने कहा कि जंगल में आग न लगावे, जंगल में आग लगाना भारतीय वन अधिनियम 1927 एवं वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत् दण्डनीय अपराध है।।।।।

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