स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 में पेंड्रा के शिक्षक ने जिले व राज्य का नाम किया रोशन।।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 में पेंड्रा के शिक्षक ने जिले व राज्य का नाम किया रोशन।।

पेंड्रा। स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय पेंड्रा में पदस्थ कप्यूटर शिक्षक अमन सिंह जायसवाल ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 में चयनित होकर जिले एवं छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव बढ़ाया है। यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का नवाचार कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत शिक्षा मंत्रालय का नवाचार प्रकोष्ठ एवं  अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। उक्त हैकाथॉन का आयोजन कोयंबटूर, तमिलनाडु में किया गया।।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 देश का सबसे बड़ा नवाचार मंच है, जिसमें देशभर से चयनित छात्र, शिक्षक, शोधकर्ता एवं तकनीकी विशेषज्ञ भाग लेते हैं। प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रतिभागियों को मंत्रालयों के द्वारा प्रदत्त समस्या विवरण पर 36 घंटे तक निरंतर कार्य करते हुए कोडिंग, सॉफ्टवेयर विकास एवं तकनीकी मॉडलिंग के माध्यम से व्यवहारिक और नवाचारी समाधान विकसित करने होते हैं। जिसमें अमन सिंह जसवाल टाइगर बाईट टीम का हिस्सा रहे। टीम ने समस्या विवरण पर कार्य किया, जिसका शीर्षक हेवी मेटल प्रदूषण सूचकांकों के लिए एप्लिकेशन के डिज़ाइन और विकास का प्रस्ताव था।।

इस समस्या का उद्देश्य भूजल में भारी धातु प्रदूषण की वैज्ञानिक, स्वचालित एवं पारदर्शी निगरानी हेतु सॉफ्टवेयर आधारित समाधान विकसित करना था। वहीं टीम के द्वारा विकसित समाधान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं यंत्र अधिगम आधारित भारी धातु प्रदूषण सूचकांक तथा स्व-विकसित मेटा-एचएमपीआई सिस्टम तैयार किया गया है। इसमें डब्लूएचओ एवं बीआईएस मानकों के अनुरूप एक इन-बिल्ट कंप्लायंस इंजन शामिल है, जो जल गुणवत्ता का स्वचालित मूल्यांकन करता है। इसके साथ ही जियो-टैग किया गया पानी की गुणवत्ता का डेटा आधारित एवं रिपोर्टिंग सिस्टम को सम्मिलित किया गया है।।


जिससे प्रयोगशाला रिपोर्ट्स की पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके। यह नवाचार भूजल गुणवत्ता निगरानी, पर्यावरण संरक्षण एवं भविष्य की नीति निर्माण प्रक्रिया में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। इस तकनीकी समाधान के विकास में पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय, शहडोल के सहायक प्राध्यापक डॉ. मनीष तराम का महत्वपूर्ण मार्गदर्शन रहा। डॉ. तराम के विशेषज्ञ हैं, जिनके मार्गदर्शन में टीम ने इस उन्नत और भविष्योपयोगी सॉफ्टवेयर समाधान को विकसित किया।।।

कार्यक्रम के दौरान अमन सिंह जसवाल ने स्वयं कोडिंग कर कार्यशील सॉफ्टवेयर का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया और छत्तीसगढ़ राज्य तथा जिले का प्रभावी प्रतिनिधित्व किया। वहीं विद्यालय के प्राचार्य वी.के. वर्मा ने इस उपलब्धि को स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालयों की नवाचार, गुणवत्ता एवं कौशल-आधारित शिक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक विद्यार्थियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ जिले के शैक्षणिक वातावरण को भी नई पहचान प्रदान करते हैं।।।यह उपलब्धि न केवल एक शिक्षक की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह सिद्ध करती है कि शासकीय विद्यालयों के शिक्षक भी राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी नवाचार एवं डिजिटल भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

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